फरमान
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]फरमान संज्ञा पुं॰ [फा॰ फरमान; मि॰ सं॰ प्रमाण, पुं॰ हिं॰ परमान, पुरमान] राजकीय आज्ञापत्र । वह आज्ञापात्र ज ो राजा या राज्य की ओर से किसी को लिखा गया हो । अनुशासनपत्र । उ॰—(क) मुल्ला तुझे करीम का अब आया फरमान । घट फोरा घर घर किया साहेब का नीसान ।— कबीर (शब्द॰) । (ख) आमिल हू छिन पौन प्रवीन लै नाफरमा फरमानु पठायो ।—गुमान (शब्द॰) । (ग) वार पार मयुरा तलक हूआ फरमाना । बकसी की जागीर दै बकसी मैं ठाना ।—सूदन (शब्द॰) । (घ) फरमान मेल कञोण चाहि, तिरहुति लेलि जन्हि साहि ।—कीर्ति॰, पृ॰ ५८ । यौ॰—फरमाँबरदार । फरमाँबरदारी = आज्ञाकारी होना । फरमाँ- बरदार होना ।