फरमूद वि॰ [फा॰ फरमूदह्] फरमाया हुआ । कहा हुआ । उ॰—उसकूँ छोड़ राह विचार शरियत जिसकूँ कहना । इंसाफ उपर सभी काम फरमूद के सूँ रहना ।—दक्खिनी॰, पृ॰ ५५ ।