फर्ज

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फर्ज संज्ञा पुं॰ [अ॰ फर्ज]

१. मुसलमानी धर्मानुसार विधिविहित कर्म जिसके न करने से मनुष्य को प्रायश्चित करना पड़ता है । धार्मिक कृत्य ।

२. कर्तव्य कर्म । जैसे,— उनसे माफी माँगना आपका फर्ज है ।

३. उत्तरदायित्व ।

४. कल्पना । मान लेना । जैसे,— फर्ज कीजिए कि वे खुद आए, तब आप क्या करेंगे ? यौ॰— फर्जमुहाल = असंभव को संभव समझना या मानना । मुहा॰— फर्ज अदा करना = कर्तव्य का निर्वाह करना । फर्ज करना = मान लेना । कल्पना करना । फर्ज होना = अवश्य कर्तव्य होना ।