फलना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]फलना ^१ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ फल वा सं॰ फलन]
१. फल से युक्त होना । फल लाना । उ॰—बन उपवन फूलते फलते हैं उससे सब जीव जंतु, पशु पक्षी आनंद में रहते हैं । —लल्लू (शब्द॰) ।
२. फल देना । लाभदायक होना । परिणाम निकलना । उ॰—जोग जुगुति तप मंत्र प्रभाऊ । फलइ तबहिं जब करिय दुराऊ । —तुलसी (शब्द॰) । मुहा॰— फलना फूलना = (१) सफल मनोरथ होना । उ॰— फूलै फलै, फलै, खल सीदै, साधु पल पल, बानी दीपमालिका ठठाइयत सूप हैं । —तुलसी (शब्द॰) ।
२. विकसित होना । विकास करना । उ॰—राजनीतिक परिस्थितियों में उसकी छत्रछाया के नीचे साहित्य फलता फूलता रहा । —अकबरी॰, पृ॰ १० । ३शरीर के किसी भाग पर बहुत से छोटे छोटे दानों का एक साथ निकल आना जिससे पीडा़ होती है ।
फलना † ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ फाल वा पहल] एक प्रकार की छेनी जिससे चितेरे और संगतराश सादी पत्तियाँ बनाते हैं ।