फलश्रुति
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
फलश्रुति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. अर्थवाद । वह वाक्य जिसमें किसी कर्म के फल का वर्णन होता है और जिसे सुनकर लोगों की वह कर्म करने की प्रवृत्ति होती है । जैसे, अमुक यज्ञ करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है, दान करने से अक्षय पुण्य होता है, आदि ।
२. ऐसे वाक्य सुनना ।