फलाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फलाना ^१ संज्ञा पुं॰ [अ॰ फला + ना (प्रत्य॰) या फा़॰ फ़लाँ] [स्त्री॰ फलानी] अमुक । कोई अनिश्चित । उ॰—उन कह्यौ धन हम देष्यौ है फलानी ठौर, मनन करत भयौ कब घरि आनिए । —सुंदर॰, ग्रं॰ भा॰ २, पृ॰ ६२९ ।

फलाना ^२ क्रि॰ स॰ [हिं॰ फलना का प्रे॰ रुप] किसी को फलने में प्रवृत्त करना । फलने का काम करना ।