फसली
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]फसली ^१ वि॰ [अ॰ फस्ल + फा़॰ ई (प्रत्य॰)] मौसिमी । ऋतु का । जैसे, फसली बुखार ।
फसली कौवा संज्ञा पुं॰ [अ॰ फस्ल + फा़॰ ई (प्रत्य॰) + हिं॰ कौवा]
१. पहाडी़ कौवा जो शीत ऋतु में पहाड़ से उतरकर मैदान में चला आता है ।
२. वह जो केवल अच्छे समय में अपना स्वार्थ साधन करने के लिये किसी के साथ रहे और उसकी विपत्ति के समय काम न आवे । स्वार्थी । मतलबी ।
फसली बुखार संज्ञा पुं॰ [अ॰ फस्ल + फा़॰ ई (प्रत्य॰)+ बुखार]
१. वह ज्वर जो किसी एक ऋतु की समाप्ति और दूसरी ऋतु के आरंभ के समय होता है ।
२. जाडा़ देकर आनेवाला वह बुखार जो प्रायः बरसात में होता है । जूडी़ । मलेरिया ।
फसली सन्, फसली साल संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'फसली ^२'—१ ।