फहराना

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फहराना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ प्रसारण] उड़ाना । कोई चीज इस प्रकार खुली छोड़ देना जिसमें वह हवा में हिलने और उड़ने लगे । जैसे, हवा में दुपट्टा फहराना, झंडा फहराना ।

फहराना ^२ क्रि॰ अ॰ फहरना । वायु में पसरना । हवा में रह रहकर हिलना या उड़ना । उ॰—(क) काया देवल मन ध्वजा विषय लहर फहराय । मन चलता देवल चले ताको सरबस जाय ।—कबीर (शब्द॰) । (ख) घंट घंटि धुनि बरनि न जाहीं । सरब करहिं पायक फहराहीं ।—तुलसी (शब्द॰) । (ग) चारिहुँ ओर ते पौन झकोर झकोरनि घोर घटा घहरानी । ऐसे समय पद्माकर काहु के आवत पीत पटी फहरानी ।—पद्माकर (शब्द॰) ।