फानूस

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फानूस ^१ संज्ञा पुं॰ [फा॰ फानस]

१. एक प्रकार का दीपाधार जिसके चारों ओर महीन कपड़े या कागज का मंडप सा होता है । कपड़े या कागज से मढ़ा हुआ पिंजरे की शकल का चिरागदान । एक प्रकार की बडी कंदील । उ॰—बाल छवीली तियन में बैठी आफ छिपाइ । अरगट ही फानूस सी परगट होति लखाई ।—बिहारी (शब्द॰) । विशेष—यह लकड़ी का एक चौकोर वा अठपहल ढाँचा होता था जिसपर पतला कपड़ा मढ़ा रहता था । इसके भीत र पहले चिरगदान पर चिराग रखकर लोग फरश पर रखते थे ।

२. शीशे की मृदगी, कमल वा गिलास आदि जिसमें बत्तियाँ जलाई जाती हैं ।

३. समुद्र के किनारे का वह ऊँचा स्थान जहाँ रात को इसलियें प्रकाश जलाया जाता है कि जहाज उसे देखकर बंदर जान जाय । कदीलिया ।

फानूस ^२ संज्ञा पुं॰ [अं॰ फरनेस] इँटों आदि की भट्ठी जिसमें आग सुलगाई जाती है और जिसके ताप से अनेक प्रकार के काम लिए जाते हैं । जैसे, लोहा, ताँबा, गंधक आदि गलाना ।