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फार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फार पु † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ फारना]

१. फार । फाल । खंड । उ॰—चमकहि बीज होई उजियारा । जेहि सिर परे होइ दुइ फारा ।—जायसी (शब्द॰) ।

२. दे॰ 'फाल' ।