फाश

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फाश वि॰ [फा़॰ फाश] खुला । प्रकट । ज्ञात । उ॰—छिपा न उसका इश्क राज आखिर की सब कुछ फाश हुआ ।— भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ५६४ । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । मुहा॰—परदा फाश करना = छिपी हुई बात खोलना । भेद या रहस्य प्रकट करना ।