फिटकार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फिटकार संज्ञा पुं॰ [हिं॰ फिट + कार]

१. धिक्कार । लानत । उ॰—काफिरों को सदा फिटकार मुबारक होए ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ ५४२ । क्रि॰ प्र॰—खाना ।—देना । मुहा॰—मुँह पर फिटकार बरसना = फिट्टा मुँह होना । चेहरा फीका या उतरा हुआ होना । मुख मलिन होना । मुख की कांति न रहना । श्रीहत होना ।

२. शाप । कोसना । बददुआ । मुहा॰—फिटकार लगना = शाप लगना । शाप ठीक उतरना ।

३. हलकी मिलावट । बास । भावना । जैसे,—इसमें केवड़े की फिटकार है ।