फिसलना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फिसलना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ प्र + सरण]

१. चिकनाहठ और गीलेपन के कारण पैर आदि का न जमना । चिकनाई के कारण पैर आदि का न ठहर सकना । सरक जाना । रपटना । खिसलना । जैसे, कीचड़ में पैर फिसलना, पत्थर पर जमी काई पर शरीर फिसलना । संयो॰ क्रि॰—जाना ।—पड़ना ।

२. प्रघृत्त होना । झुकना । जैसे,—जिधर अपना लाभ देखते हो उसी ओर फिसल जाते हो । मुहा॰—जी फिसलना = मन प्रवृत्त या मोहित होना ।

फिसलना ^२ वि॰ जिसपर फिसल जायँ । रपटीला । बहुत चिकना । जैसे, फिसलना पत्थर ।