फुरती

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फुरती । चटपटी । उतावली । उ॰—(क) देखहु जाइ कहा जेवन कियों जसुमति रोहिनी तुरत पठाई । मैं अह्यवाए देति दुहुन कों तुम भीतर अति करौ चँडाई ।—सूर (शब्द॰) । (ख) कहा भयो जो हम पै आई कुल की रीति गमाई । हमहूँ कों विधि को डर भारी अजहूँ जाहु चँड़ाई ।—सूर (शब्द॰) ।

२. प्रबलता । जबरदस्ती । अधम अत्याचार । उ॰—करत चँड़ाई फिरत हौ नागर नंदकिशोर ।—(शब्द॰) ।