फुल
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]फुल ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ फूलना]
१. फूलने की क्रिया या भाव । प्रफुल्ल होने का भाव । उत्साह । उमंग । उ॰— (क) फूलि फूलि तरु फूल बढ़ावत । मोहत महा मोद उपजावत ।— केशव (शब्द॰) । (ख) फरक्यो चंपतराय को दच्छिन भुज अनुकूल । बड़ी फौज उमड़ी सुनि भई जुद्ध की फूल । —लाल (शब्द॰) ।
२. आनंद । प्रसन्नता । उ॰—(क) करिए अरज. कबूल । जो चित्त चाहत फूल ।— सूदन (शब्द॰) । (ख) फूल श्याम के उर लगे फूल श्याम उर आय । —रहीम (शब्द॰) ।