फुलाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फुलाना ^१ क्रि॰ स॰ [हिं॰ फूलना]

१. किसी वस्तु के विस्तार या फैलाव को उसके भीतर वायु आदि का दबाव पहुँचाकर बढ़ाना । भीतर के दबाव से बाहर की ओर फैलाना । उ॰— हरखित खगपति पंख फुलाए ।—तुलसी (शब्द॰) ।

फुलाना ^२ क्रि॰ अ॰ दे॰ 'फूलाना' ।

फुलाना पु ^३ वि॰ [हिं॰ फुलना] फूला हुआ । उ॰—गगन मँदिल में फूल फूलाना उहाँ भँवर रस पीवैँ ।—कबीर श॰, भा॰ ३, पृ॰ २३ ।