फुसलाना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]फुसलाना क्रि॰ स॰ [हिं॰ फिसलाना या देश॰]
१. बच्चों की शांत रखने के लिये किसी प्रकार उनका । ध्यान दूसरी ओर ले जाना । भुलाकर शांत और चुप रखना । बहलाना । जैसे,—बच्चों को फुसलाना सब नहीं जानते ।
२. अनुकूल करने के लिये मीठी मीठी बातें कहना । किसी बात के पक्ष में या किसी ओर प्रवृत्त करने के लिये इधर उधर की बातें करना । भुलावे की बातें करना । चकमा देना । झाँसा देना । बहकाना । उ॰—बुद्धि की निकाई कछु जाति है न गाई लाल ऐसी फुसलाई है, मिलाई लाल उर सों ।—रघुनाथ (शब्द॰) ।
३. मीठी मीठी बातें करके किसी और प्रवृत्त करना । भुलावा देकर अपने मतलब पर लाना । जैसे,—(क) वह हमारे नौकर को फुसला ले गया । (ख) दूसरे फरीक ने गावाहों को फुसला लिया । संयो॰ क्रि॰—लेना ।
४. मनाना । संतुष्ट करने के लिये प्रिय ओर विनीत वचन कहना । उ॰—राजा ने उन ब्राह्मणों के पाँव पड़ पड़ अनेक भाँति फुसलाया समझाया, पर उन तामसी ब्राह्मणों ने राजा का कहना न माना ।—लल्लू (शब्द॰) ।