फुहार संज्ञा पुं॰ [सं॰ फूत्कार ( = फूँक से उठा हुआ पानी का छींटा या बुलबुला) या अनु॰ मू॰ देश॰] १. पानी का महीन बारि फुहार भरे बदरा छींटा । जलकण । २. महीन । बूँदों की झड़ी । झींसी । उ॰—सोइ सोहते । कुंजर से मतवारे ।—श्रीधर (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—पड़ना ।