फूट

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फूट संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ फूटना]

१. फूटने की क्रिया या भाव ।

२. बैर । विरोध । बिगाड़ । अनबन । उ—अँगरेजी में एक कहावत है कि फूट उपजाओं और शासन करो ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ २४४ । क्रि॰ प्र॰—कराना ।—होना । यौ॰—फूट फटक = अनबन । बिगाड़ । मुहा॰—फूट डालना = भेद डालना । भेदभाव या विरोध उत्पन्न करना । झगड़ा ड़ालना । उ॰—नारद हैं ये बड़े सयाने घर घर डा़रत फूट ।—सूर (शब्द॰) ।

३. एक प्रकार की बड़ी ककड़ी जो खेतों में होती है और पकने पर फट जाती है । मुहा॰—फूट सा खिलना = पक्कर या खस्ता होकर दरकना ।