फूटा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]फूटा ^१ वि॰ [हिं॰ फूटना] [वि॰ स्त्री॰ फूटी] भग्न । टूटा हुआ । फूटा हुआ । जैसे, फूठी कौड़ी । फूटी आँख । उ॰—कबिरा राम रिझइ ले मुख अमरित गुन गाइ । फूटा नग ज्यों जोरि मन संधिहि संधि मिलाइ ।—कबीर (शब्द॰) । मुहा॰—फूटी आँख का तारा = कई बेटों में बचा हुआ एक बेटा । बहुत प्यारा लड़का । फूटी आँखों न भाना = तनिक भी न सुहाना । वहुत बुरा लगना । अत्यंत अप्रिय लगना । जैसे,—अपनी चाल से वह फूटी आँखों नहीं भाता । (स्त्रि॰) । फूटी आँखों न देख सकना = बुरा मानना । जलना । कुढ़ना । जैसे,— वह मेरे लड़के को फूटी आँखों नहीं देख सकती । (स्त्रि॰) । पास में फूटी कौड़ी न होना = पास में कुछ भी न होना । अकिंचन होना । फूटे मूँह से न बोलना = दो बात भी न करना । अत्यंत उपेक्षा करना ।
फूटा ^२ संज्ञा पुं॰
१. वह बालें जो टूटकर खेतों में गिर पड़ती हैं ।
२. जोडों का दर्द ।