फूहड़

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फूहड़ वि॰ [सं॰ पव (=गोबर) + घट(=गढ़ना)अथवा देश॰]

१. जिसकी चालढ़ाल बेढंगी हो । जिसका ढंग भद्दा हो । जो किसी कार्य को सुचारू रूप से न कर सके । जिसे कुछ करने का ढंग न हो । बेशऊर । (इस शब्द का प्रयोग अधिकतर स्त्रियों के लिये होता है ।) उ॰— लूगरा गँधात रबड़ी चीकट सी गातमुख धोवै न अन्हात प्यारी फूहड़ बहार देति ।—कविता कौ॰, भा॰, २, पृ॰ १०१ ।

२. जो देखने में बेंढंगा लगे । भद्दा ।