फेरि पु ‡ अव्य॰ [हिं॰ फिर] पुनः । दुबारा । उ॰—दास इते पर फेरि बुलावत यों अब आवत मेरी बलैया ।—दास (शब्द॰) । मुहा॰—फेरि फेरि = बार बार । उ॰—हरे हरे हेरि हेरि हँसि हँसि फेरि कहत कहा नीकी लगत ।—देव (शब्द॰) ।