फैलाना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

फैलाना क्रि॰ अ॰ [सं॰ प्रहित वा प्रसृत, प्रा॰ पयल्ल+हिं॰ ना (प्रत्य॰)]

१. लगातार स्थान घेरना । यहाँ से वहाँ तक बराबर रहना । जैसे,—जंगल नदी के किनारे से पहाड़ तक फैला है । संयो॰ क्रि॰—लाना ।

२. अधिक स्थान छेंकना । ज्यादा जगह घेरना । अदिक व्यापक होना । विस्तृत होना । पसरना । संकुचित या जोडे़ स्थान में न रहना । अधिक बडा़ या लंबा चौडा़ होना । इधर उधर बढ़ जाना । जैसे,—(क) खूब फैलकर बैठना । (ख) गरमी पाकर लोहा फैल जाता है । उ॰— पाँव धरै जित ह ी वह बाल तहीं रँग लाल गुलाल सौ पैलौ ।—शंभु (शब्द॰)

३. मोटा होना । स्थुल होना । मोटाना । जैसे,—उसका बदन फैल रहा है ।

४. आवृत करना । छाना । व्यापक होना । मरना । व्यापना । दुर तक रखा या पड़ा रहना । जैसे, धुले फैलना, जाल फैलना । उ॰—फुलि रहे, पलि रहे, फैलि रहे, फबि रहे, झपि रहे, झलि रहे, झुकि रहे, झुमि रहे ।— पद्माकर (शब्द॰) ।

५. संख्या बढ़ना । बढ़ती होना । बृद्धि होना । जैसे, कारवार फैलना । उ॰—फले फुले फैले खल, सीदे साधु पल पल, बाती दीप मालिका ठठाइयत सुप है— तुलसी (शब्द॰) ।

६. इकट्ठा न रहना । छितराना । बिख- रना । अलग अलग दुर तर इधर उधर पड़ा रहना । जैसे,—(क) हाथ से गिरते ही माला के दाने इधर उधर फैल गए । (ख) सिपाहियों को देखते ही डाकु इधर उधर फैल गए ।

७. किसी छेद या गड्डे का और बड़ा हो जाना या बढ़ जाना । अधिक खुलना । जैसे, मुँह फैलना ।

८. मुड़ा न रहना । पूरा तनकर किसी ओर बढ़ना । जैसे,—फाड़े के तनाव से हाथ फैलता नहीं है ।

९. प्रचार पाना । चारों ओर पाया जाना या होना । क्रमशः बहुत से स्थानों में विद्यमान होना या मिलना । बहुतायत से मिलना । जैसे,—आंदोलन फैलना, बीमारी फैलना, प्लेग फैलना । गोभी अभी फैली नहीं है ।

१०. इधर उधर दुर तर पहुँचना । जैसे, सुगंध फैलना, स्याही फैलना, खबर फैलना ।

११. प्रसिद्ध होना । बहुत दुर तक ज्ञात या विदित होना । मशहुर होना । जैसे, यश फैलना, नाम फैलना, वात फैलना । उ॰—(क) राव रतनसेन के कुमार को सूजस फैलि रह्यो पुहुमी में ज्यों प्रवाह गंगा पथ को ।—मतिराम (शब्द॰) । (ख) अब तो बात फैलि गई जानत सब कोई ।—गीत (शब्द॰) ।

१२. आग्रह करना । हठ करना । जिद करना ।

१३. भाग का ठीक ठीक लग जाना । तसकीन दुरुस्त उतरना ।

फैलाना क्रि॰ स॰ [हिं॰ फैलना]

१. लगातार स्थान घिरवाना । यहाँ से वहाँ तक बराबर बिछाना, रखना या ले जाना । जैसे,—उसने अपना हाता नदी के किनारे तक फैला लिया है । संयो॰ क्रि॰—देना । डालना ।—लेना ।

२. अधिक स्थान घिरवाना । विस्तृत करना । पसारना । विस्तार बढ़ाना । अधिक बड़ा या लंबा चौड़ा करना । इधर उधर बढ़ाना । जैसे, तार फैलाना, आटे की लोई फैलाना ।

३. संकुचित न रखना । सिमटा हुआ, लपेटा हुआ या तह किया हुआ न रखना । पसारना । जैसे, सुखने के लिये कपड़ा फैलाना । उड़ने के लिये पर फैलाना ।

४. व्यापक करना । छा देना । भर देना । दुर तक रखना या स्थापित करना । जैसे,—(क) यहाँ क्यों कूड़ा फैला रखा है । (ख) चिड़ियों को फँसाने के लिये जाल फैलाना ।

५. इकट्ठा न रहने देना । बिखेरना । अलग अलग दुर तक कर देना । जैसे,—बच्चे के हाथ में बताशे मत दो, इधर उधर फैलाएगा ।

६. बढ़ाना । बढ़ती करना । बृद्धि करना । जैसे, कारवार फैलाना ।

७. किसी छेद या गड्ढे को और बड़ा करना या बढ़ाना । अधिक खोलना । जैसे, मुँह फैलाना, छेद फैलाना ।

८. मुड़ा न रखना । पूरा तानकर किसी ओर बढ़ाना । जैसे,—(क) हाथ फैलाओ तो दें । (ख) पैर फैलाकर सोना ।

९. प्रचलित करना । किसी वस्तु या बात को इस स्थिति में करना कि वह जनता के बीच पाई जाय । इधर उधर विद्यमान करना । जारी करना । जैसे, विद्रोह फैलाना, वीमारी फैलाना । उ॰—राज काज दरबार में फैला- वहु यह रत्न ।—हरिश्चंद्र (शब्द॰) ।

१०. इधर उधर दुर तक पहुँचाना । जैसे,—सुगंध फैलाना, स्याही फैलाना ।

११. प्रसिद्ध करना । बहुत दुर तक ज्ञात या विदित कराना । चारों ओर प्रकट करना । जैसे, यश फैलाना, नाम फैलाना ।

१२. आयोजन करना । विस्तृत विधान करना । धुमधाम से कोई बात खड़ी करना । जैसे, ढग फैलाना, ढोंग फैलाना, आडंबर फैलाना ।

१३. गणित की क्रिया का विस्तार करना ।

१४. हिसाब किताब करना । लेखा लगाना । बिधि लगाना । जैसे, ब्याज फैलाना, हिसाब फैलाना, पड़ता फैलाना ।

१५. गुणा भाग के ठीक होने की परीक्षा करना । वह क्रिया करना जिससे गुणा या भाग के ठीक होने या न ठीक होने का पता चल जाय ।