बँड़ेरी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बँड़ेरी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ बरेड़ा (=बड़ा) या सं॰ वरदण्ड़] वह लकड़ी जो खपरैल की छाजन में मँगरे पर लगाती है । यह दोपलिया छाजन में बीचोबीच लंवाई में लगाई जाती है । उ॰— ओरी का पानी बँड़ेरी जाय । कंडा डूबे सिल उतराय ।—कबीर (शब्द॰) ।