बँधान पु † संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'बंधान' । उ॰—(क) नागर नट चितवाहिं चकित डगहिं न ताल बँधान ।— मानस, १ । ३०२. (ख) मिथिलापुर के नर्तक नाना । नाचै डगै न ताल बँधाना ।— रघुराज (शब्द॰) ।