बंचक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बंचक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वन्चक] धुर्त । पाखंडी । ठगनेवाला । उ॰—बंचक भगत कहाइ राम के । किंकर कंचन कोह काम के ।—मानस, १ । १२ ।
बंचक ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] जीरे के रुप रंग तथा आकार प्रकार की एक घास का दाना जो पहाड़ी देशों में पैदा होता है और जीरें में मिलाकर बेचा जाता है ।