बंजर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बंजर संज्ञा पुं॰ [सं॰ वन + ऊजड़] वह भूमि जिसमें कुछ उत्पन्न न हो सके । ऊसर । उ॰—ज्ञान कुदार ले बंजर गोड़ैं ।— कबीर॰, श॰, भा॰१, पृ॰ १३६ ।