बंजारा
'बंजारा' शब्द का शाब्दिक अर्थ है बनज करे जो बंजारा। बनज यह शब्द वाणिज्य और बण से बना है। जो व्यापारी है, वाणिज्य करता है,उसे बंजारा कहां जाता है। जो स्वाभिमान से संपन्न होता है। बंजारा यह शब्द आत्मा का भी प्रतिक माना जाता है। 'एक बंजारा गाये जीवन के राग सुनाये, हम सब जिनेवालो को जीने की राह बताये।' यह प्रचलित गीत बंजारा के संदर्भ में आता है। गौर बंजारा यह एक राजपूत की शाखा मानी जाती है। साम्राज्य विलय होने के बाद पृथ्वीराज चव्हाण और महाराणा प्रताप के साथ जंगल बनो में जो रहनेलगे वह आगे बंजारा कहने लगे। ऐसे अनेक संदर्भ इतिहास में मिलते है।
बंजारा शब्द का मुहावरा
[सम्पादन]"आया है आया है बंजारा केशव (कबीर परमेश्वर) आया है।" सत्य कथा अनुसार आज से लगभग 600 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर ने केशव बंजारे का रूप धर कर 18 लाख लोगों को तीन दिन तक सतलोक से लाया मोहन भंडारा करवाया था साथ में एक दोहर और मोहर भी हर बार के भोजन के बाद दी थी। बंजारा शब्द केशव/कबीर परमेश्वर के लिए प्रयोग में आया था।
बंजारा के समानार्थी शब्द
[सम्पादन]बनजारा; वनजारा; वंजारा ।
पर्यायवाची
[सम्पादन]बाजीगर,राणा,ख़ानाबदोश, घुमन्तू, वाणिज्यक, परिव्राजक,बनजारा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बंजारा संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बनज + औरा (प्रत्य॰)] दे॰ 'बनजारा' ।