बंटा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बंटा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ वटक, हिं॰, बटा (=गोला)] [स्त्री ॰ अल्पा॰ बंटी] गोल अथवा चौकोर कुछ छोटा डब्बा । जैसे, पान का बंटा ठाकुर जी के भोग का बंटा । उ॰—(क) कोऊ बंटा कोऊ चादर लिए ठाड़े हैं ।—दो सौ बावन॰, भा॰१, पृ॰ ३३ । (ख) बंटा जमल जोत के मानहु ।— इंद्रा॰, पृ॰ ९१ ।
बंटा ^२ वि॰ छोटे कद का । छोटे आकारवाला ।
बंटा ^३ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बट्टा] दाग । ऐब । कलंक । दोष । उ॰— जो भौतिक वस्तुओं में तो बंटा लगा ही चुका है ।—कंकाल, पृ॰ ७७ ।