बंदनवार
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बंदनवार संज्ञा पुं॰ [सं॰ वन्दनमाल या वन्दन + द्वार (प्रा॰ वार)] फुल, पत्ते, दुब इत्यादि की बनी हुई वह माला ज ो मंगल कार्यों के समय द्वार आदि पर लटकाई जाती है । फुलों या पत्तों की झालर जो मंगल के सूचनार्थ द्वार पर या खभों और दिवारों आदि पर बाँधी जाती है । तोरण । उ॰—गज रथ बाजि सजे नहीं, बँधी न बंदनवार ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ १७६ ।