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बंदनीमाल

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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बंदनीमाल संज्ञा॰ स्त्री॰ [सं॰ वन्दनीमाल] वह लंबी माला जो गले से पैरों तक लटकती ही । उ॰—अंजन होइ न लसत तौ ढिग इन नैन विसाल । पहिराई जनु मदन गुहि श्याम बंदनी- माल ।—स॰ सप्तक, पृ॰ १९१ ।