बंदीछोर पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ बन्दी + हिं॰ छोर] १. कैद न छुड़ानेवाला । २. बंधन से मुक्त करानेवाला । उ॰—(क) बिनवै दोउ कर जोर, सतगुरु बंदीछोर हैं ।—कबीर सा॰, सं॰, पृ॰ १२ । (ख) वेद जस गावत विवुध बंदीछोर को ।— तुलसी ग्रं॰, पृ॰ २४८ ।