बंधक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बंधक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ बन्धक]
१. वह वस्तु जो लिए हुए ऋण के बदले में धनी के यहाँ रख दी जाय । रेहन । विशेष—ऐसी वस्तु ऋण चुकाने पर वापस हो जाती है । क्रि॰ प्र॰—करना ।—रखना ।—धरना ।
२. विनमय । बदला । परिवर्तन ।
३. वह जो बाँधता हो । बाँधनेवाला ।
४. बंधन (को॰) ।
५. पानी रोकने का धुस्स । बाँध (को॰) ।
६. वादा (को॰) ।
७. अंगों की स्थिति । अंगन्यास (को॰) ।
बंधक ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ बन्ध] कोकशास्त्र के अनुसार स्त्रीसंभोग का कोई आसन । दे॰ 'बध'—५ । उ॰—चौरासी आसन पर जोगी । खटरस बधक चतुर सो भोगी ।—जायसी (शब्द॰) ।