बंधान
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बंधान संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बँधना]
१. किसी कार्य के होने अथवा किसी पदार्थ के लेने देने आदि के संबंध में बहुत दिनों से चला आया हुआ निश्चित क्रम या नियम । लेन देन आदि के संबंध की नियत परिपाटी । जैसे,—यहाँ फी रुपया एक पैसा आढ़त लेने का बंधान है ।
२. वह पदार्थ या धन जो इस परिपाटी के अनुसार दिया या लिया जाता है ।
३. पानी रोकने का धुस्स । बाँध ।
४. ताल का सम (संगीत) । उ॰— उगटहिं छद प्रबंध गीत पद राग तान बंधान । सुनि किन्नर गंधर्व सराहत विधके हैं बिबुध विमान ।—तुलसी (शब्द॰) ।