बंब
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बंब संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰]
१. बं बं शब्द । ब, शिव, शिव, हर हर, इत्यादि शब्दों की ऊँची ध्वनि जो शैव लोग भक्ति की उमंग में आकर किया करते हैं ।
२. युद्धारभ में बीरों का उत्साहवर्धक नाद । रणनाद । हल्ला । उ॰—कूदत कबध के कदंब वंब सी करत धावत दिखावत है लाघो राघो बान के ।—तुलसी (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—बोलना ।—देना । उ॰—ठिल्यो बुँदेला बंब दै बासा घेस्यो जाप ।—लाल (शब्द॰) ।
३. नगारा । दुदुभी । डका । उ॰—(क) कब नारद बंदूक चलाया । ब्यासदेव कब बंब बजाया ।—कबीर (शब्द॰) । (ख) त्यों बहलोलखान रिस कीन्हीं । तुरतहि बंब कूच को दीन्ही ।—लाल (शब्द॰) ।