बईठना पु † क्रि॰ अ॰ [अप॰ बइट्ठ] दे॰ 'बैठना' । उ॰— सखी सरेखी साथ बईठी । तपै सूर ससि आव न दीठी ।— जायसी (शब्द॰) ।