बकनी † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ बकना] बकवास । उ॰— सूरत मिली जाय ब्रह्म सो, दो मन बुध को पूठ । जन दरिया जहाँ देखिए कथनी बकनी झूठ ।—दरिया॰ बानी, पृ॰ २० ।