बकरना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
बकरना क्रि॰ स॰ [हिं॰ बकार अथवा बकना]
१. आपसे आप बकना । बड़बड़ाना । उ॰— दही मथत मुख से कछु बकरति गारी दै दै नाम । घर घर डोलत माखन चोरत षटरस मेरे धाम ।— सूर (शब्द॰) ।
२. अपना दोष या करतूत आपसे आप कहना । कबूल करना । जैसे,— जब मत्र पढ़ा जायगा तब जो चोर होगा वह आपसे आप बकरेगा ।