बकरा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बकरा संज्ञा पुं॰ [सं॰ बर्कर] [स्त्री॰ बकरी] एक प्रसिद्ध चतु- ष्पाद पशु । उ॰— बकरी खीती घास है ताकी काढ़ी खाल । जो नर बकरी खात है तिनको कवल हवाल ।— कबीर (शब्द॰) । पर्या॰— अज । छाग । बकरा मुहा॰— बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी = दोषी या अप- राधी कब तक छिपा रह पाएगा । उ॰— बस आगे यह डोंगा चलता नजर नहीं आता । बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी ।— मान॰, भा॰ १, पृ॰ ६ ।