बकला पु॰ [सं॰ वल्कल] १. पेड़ की छाल । २. फल के ऊपर का छिलका । उ॰— निगम कल्पतरु को सुफल, बीज न बकला जाहि । कहन लगे रस रँगमगे, सुंदर श्री सुक ताहि ।— नंद॰ ग्र॰, पृ॰ २२० ।