बखतर संज्ञा पुं॰ [फा॰ बकतर] दे॰ 'बकतर' । उ॰— बखतर पहिरे प्रेम का घोड़ा है गुरु ज्ञान । पलटू॰ सुरति कमान लै जीत चले मैदान ।—पलटू॰, भा॰ ३, पृ॰ १०४ ।