बखेरना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बखेरना क्रि॰ सं॰ [सं॰ विकिरण] चीजों को इधर उधर या दूर दूर रखना । फैलाना । छितराना । जैसे, खेत में बीज बखेरना । उ॰— (क) कहों दससीस भुज बीसन बखेरों आगे कहो जाय घेरों गढ़ विनती पतीजिए ।—हनुमन्नाटक (शब्द॰) । (ख) काटि दस सीस भुज बीस सीस धरि राम यश दसो दिसि सौगुनों बखेरिहै ।—हनुमान्नाटक (शब्द॰) । (ग) तमाशा है मजा है सैर है क्या क्या अहा ! हा ! हा ! मसब्बिर ने अजब कुछ रंग कुदरत का बखेरा है ।— नजीर (शब्द॰) ।