सामग्री पर जाएँ

बख्तर

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बख्तर संज्ञा पुं॰ [फा॰ बक्तर] लोहे के जाल का बना हुआ कवच । सन्नाह । बकतर । उ॰— चारि मास धन बरसिया, अति अपूर्व शर नीर । पहिरे जड़तर बख्तर चुभै न एकौ तीर ।—कबीर (शब्द॰) ।