बचाव संज्ञा पुं॰ [हिं॰ बचाना] १. बचने या बचाने का भाव । २. रक्ष । त्राण । उ॰— कहा कहति तू भई बावरी । ऐसे कैसे होय सखी री घर पुनि मेरी है बचाव री ।— सूर (शब्द॰) । ३. बाद में सफाई । सफाई पक्ष ।