बटाना ‡ क्रि॰ अ॰ [पू॰ हिं॰ पटाना(=बंद होना)] बंद हो जाना । जारी न रहना । उ॰— सात दिवस जल बरषि बटान्यो आवत चल्यो ब्रजहि अत्रावत ।— सूर (शब्द॰) ।