बटुआ
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बटुआ ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'बटुवा' । उ॰— सिंगी सेल्ही भभृत और बटुआ साई स्वाँग से न्यारा हो ।—कबीर॰ श॰, पृ॰ १६ ।
बटुआ ^२ वि॰ [हिं॰ बटना] बटा हुआ । जैसे,—बटुआ सूत, बटुआ रस्सा ।
बटुआ ^३ वि॰ [हिं॰ बाँटना] सिल आदि पर पीसा हुआ । उ॰— कटुआ बटुआ मिला सुवासू । सीका अनवन भाँति गरासू ।— जायसी (शब्द॰) ।