बड़ाई
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बड़ाई संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ बड़ा + ई (प्रत्य॰)]
१. बड़े होने का आव । परिमाण या विस्तार का आधिक्य । घेरे, डील डौल, फैलाव, वगैरह की ज्यादती ।
२. पद, मान मर्यादा, वयस्, विद्या, बुद्धि आदि का आधिक्य । इज्जत, दरजा, उम्र वगैरह की ज्यादती । बड़प्पन । श्रेष्ठता । बुजुर्गी । जैसे,—(क) छोटाई बडा़ई का ध्यान रखकर बातचीत करना चाहिए । (ख) अपनी बड़ाई अपने हाथ है ।
३. परिमाण या विस्तार घेरा, फैलाव, डील डौल आदि । जैसे, जितना बड़ा कमरा हो उतनी बड़ी चटाई बनाओ ।
४. महिमा । प्रशंसा । तारीफ । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । मुहा॰—बड़ाई देना = आदर करना । प्रतिष्ठा प्रदान करना । इज्जत बरूशना । उ॰—यहि बिधि प्रभु मोहिं दीन बड़ाई ।—तुलसी (शब्द॰) । बड़ाई मारना = शेखी हाँकना । झूठो तारीफ करना ।
बड़ाई । महत्ता । उ॰—ता कुल केरा वड़्डिपन कहवा कवन उपाए ।—कीर्ति॰, पृ॰ १० ।