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बढ़नी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

बढ़नी † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ बर्द्धनी, प्रा॰ बड्ढनी]

१. झाड़ू । बुहारी । कूचा । मार्जनी ।

२. पेशगी अनाज या रुपया जो खेती या और किसी काम के लिये दिया जाता है ।