बत
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]बत ^१ अव्य॰ [सं॰] शब्दों पर, विचारों पर जोर देने के लिये प्रयुक्त शब्द । विशेष—संस्कृत में इसका प्रयोग दुःख, पीडा़, दया, कृपा, आह्वान, आनंद, आश्वर्य, प्रतिबंध और सत्यार्थप्रतिपादन में होता है । हिंदी में इसका प्रयोग नहीं मिलता । हिंदी का 'तो' अव्यय इसके स्थान पर कहीं कहीं दो एक अर्थों में प्रयुक्त मिलता है ।
बत ^२ अव्य॰ [हिं॰] कि । पर ।
बत ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ 'बात' का संक्षिप्त रूप] बात । वार्ता । विशेष—इस शब्द का प्रयोग यौगिक शब्दों में ही होता है । जैसे, बतकही,बतबढा़व, बतरस ।
बत ^४ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰] बतख ।