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बन्धन

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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बंधन ^१ संज्ञा पुं॰ [अं॰ बन्धन]

१. बाँधने की क्रिया ।

२. वह जिससे कोई चोज बाँधी जाय । जैसे,—इसका बधन ढीला हो गया है ।

३. वह जो किसी की स्वतंत्रता आदि में बाधक हो । प्रतिबध । फँसा रखनेवाली वस्तु । जैसे,—संसार में बाल बच्चों का भी बड़ा भारी बंधन होता है ।

४. वध । हत्या ।

५. हिंसा ।

६. रस्सी ।

७. वह स्थान जहाँ कोई बाँध कर रखा जाय । कारागार । कैदखाना ।

८. शिव । महादेव ।

९. शरीर का संधिस्थान । जोड़ । मुहा॰—बंधन ढीला करना = बहुत अधिक मारना पीटना ।

१०. पकड़ना । वशीभूत करना (को॰) ।

११. निर्माण । बनाना (को॰) ।

१२. पुल (को॰) ।

१३. संयोग (को॰) ।

१४. स्नायु (को॰) ।

१५. वृंत या डंठल (को॰) ।

१६. जंजीर । सिकड़ी (को॰) ।

बंधन ^२ वि॰

१. बाँधनेवाला ।

२. जाँचनेवाला या रोकनेवाला ।

३. (किसी पर) अवलंबित या निर्भर (समासांत मे) ।